दो माह से वेतन बंद, एनएचएम कर्मचारियों में नाराज़गी तेज — बहाली प्रक्रिया भी अटकी
सूरजपुर। प्रदेश के 16 हजार से अधिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) संविदा कर्मचारियों को पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिला है, जिससे कर्मचारी आर्थिक संकट में फंसते जा रहे हैं। वेतन न मिलने से परिवार चलाना, बच्चों की पढ़ाई, किराया और बैंक भुगतान जैसी जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया है। इसी वजह से कर्मचारियों में नाराज़गी और चिंता बढ़ती जा रही है।हाल ही में हुए आंदोलन के दौरान कई कर्मचारियों को सेवा से अलग कर दिया गया था। आंदोलन समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सभी बर्खास्त कर्मचारियों की नि:शर्त बहाली का आश्वासन दिया था। लेकिन दो महीने बीतने और तीन कैबिनेट बैठकों के बावजूद अब तक बहाली आदेश जारी नहीं किया गया है। कर्मचारी इसे वादाखिलाफी मान रहे हैं।एनएचएम कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि आंदोलन सरकार के विश्वास और सकारात्मक बातचीत के आधार पर समाप्त किया गया था, इसलिए अब आश्वासन पूरा किया जाना आवश्यक है।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
लंबित दो माह का वेतन तत्काल जारी किया जाए,आंदोलनकालीन सभी बर्खास्त कर्मचारियों को बिना शर्त बहाल किया जाए।वार्षिक वेतन वृद्धि और नियमित भुगतान व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ।प्रदेश प्रवक्ता पुरन दास ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में कर्मचारियों द्वारा कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जा रहा है।इसी क्रम में सूरजपुर में जिला अध्यक्ष बृजलाल के नेतृत्व में कर्मचारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए जल्द वेतन भुगतान और बहाली आदेश जारी करने की मांग की।कर्मचारियों ने कहा कि यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरती तो वे मजबूर होकर फिर से आंदोलन पर उतर सकते हैं।फिलहाल कर्मचारियों की निगाहें सरकार और स्वास्थ्य विभाग की अगली कार्यवाही पर टिकी हैं कि—वेतन और बहाली जल्द होगी या फिर कर्मचारियों को इंतज़ार और संघर्ष की एक और लंबी अवधि झेलनी पड़ेगी।