धरती आबा की प्रेरणा से जागा विकास का जज्बा, ग्रामीणों ने तय कीं प्राथमिकताएं

धरती आबा की प्रेरणा से जागा विकास का जज्बा, ग्रामीणों ने तय कीं प्राथमिकताएं

सूरजपुर (रामानुजनगर)। धरती आबा योजना के तहत आदि कर्मयोगी अभियान ने ग्राम पतरापाली में नई ऊर्जा का संचार किया है। यहां विशेष बैठक में ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को खुलकर रखा और विकास का रोडमैप तैयार किया। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल से लेकर आजीविका तक की चुनौतियों पर चर्चा हुई, और सभी ने मिलकर आदर्श गांव बनाने का संकल्प लिया।बैठक में जनपद सदस्य अनिता सिंह, सरपंच परबतिया सिंह, उपसरपंच मधुशीला सिंह, सचिव अजय सिंह, शिक्षक योगेश साहू समेत पंचायत प्रतिनिधि, पटवारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। छापरपारा, माझापारा और सरनापारा के लोग भी सक्रिय रूप से शामिल हुए। ग्रामीणों ने कहा, "इन बुनियादी सुविधाओं में सुधार से ही गांव का असली विकास होगा।"

ग्राम पंचायत सचिव अजय सिंह ने जोर देकर कहा, "धरती आबा सिर्फ इतिहास पुरुष नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत हैं। उनकी शिक्षाएं हमें सहयोग, श्रम और आत्मनिर्भरता सिखाती हैं। हम पंचायत स्तर पर हर योजना का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचाएंगे।"

शिक्षक योगेश कुमार साहू ने अभियान के मकसद को रेखांकित करते हुए बताया, "यह अभियान आदिवासी समाज के महानायक बिरसा मुंडा के मूल्यों को घर-घर पहुंचाने का माध्यम है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सड़क, बिजली और पेयजल जैसी सुविधाओं से आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ना इसका लक्ष्य है। सरकारी योजनाओं को पारदर्शी तरीके से लागू करना, सामाजिक एकता बढ़ाना और पर्यावरण संरक्षण पर फोकस रहेगा। साथ ही, आदिवासी संस्कृति, लोककला और परंपराओं को बचाना भी प्राथमिकता है।"

ग्रामीणों ने उत्साह से भाग लिया और अपनी जरूरतें बताईं। बैठक का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि धरती आबा की प्रेरणा से सब मिलकर पतरापाली को आदर्श गांव बनाएंगे। यह अभियान न सिर्फ विकास का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक न्याय और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम साबित हो रहा है।