फर्जी मार्कशीट रैकेट का पर्दाफाश, स्कूल संचालक-पिता-पुत्र समेत दों और गिरफ्तार
बलरामपुर। आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में फर्जी दस्तावेजों का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा। पुलिस ने इस घोटाले की तह तक पहुंचते हुए अजीजी पब्लिक स्कूल के संचालक समसुद्दीन अंसारी और उनके बेटे-प्रिंसिपल आबिद अंसारी सहित दों और आरोपियों को दबोचा है। एक दिन पहले ही चार फर्जी तरीके से चयनित सहायिकाओं को सलाखों के पीछे भेजा गया था। अब तक कुल आठ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, लेकिन जांच के तार और गहराई तक फैल सकते हैं। कलेक्टर की जांच कमिटी ने इस रैकेट का खुलासा किया, जहां कक्षा आठवीं की जाली मार्कशीट से नौकरी पाने का खेल चल रहा था।मामला शंकरगढ़ थाने का है, जहां अपराध क्रमांक 115/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2) और 61(2) के तहत केस दर्ज है। प्रभारी परियोजना अधिकारी (एकीकृत बाल विकास परियोजना, कुसमी) की शिकायत पर कलेक्टर बलरामपुर ने जांच कमिटी बनाई। जांच में पता चला कि आंगनबाड़ी केंद्रों- बेहराटोली जार्गिम, कटहरपारा महुआडीह, धाजापाठ कोठली और डूमरपानी बेलकोना में चयनित सहायिकाएं फर्जी मार्कशीट के दम पर नौकरी हथिया रही थीं। वहीं दूसरी तरफ पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अजीजी पब्लिक स्कूल इस रैकेट का केंद्र था। यहां से जारी की गई जाली कक्षा आठवीं की मार्कशीट से सहायिकाओं का चयन हुआ। 25 अगस्त को पुलिस ने छापेमारी कर स्कूल संचालक समसुद्दीन अंसारी (50, भगवतपुर), उनके बेटे आबिद अंसारी (22, प्रिंसिपल), उमाशंकर पैकरा (30, बेलकोना, पहले से गिरफ्तार सहायिका सुशीला पैकरा का पति) और शिवनारायण रवि (30, महुआडीह) को गिरफ्तार किया। इनके पास से फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। सभी को रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। आपकों बताते चलें कि एक दिन पहले गिरफ्तार चार सहायिकाएं थीं- अरमाना (जार्गिम), रिजवाना (महुआडीह), प्रियंका यादव (कोठली) और सुशीला सिंह (बेलकोना)। ये सभी फर्जी मार्कशीट के आधार पर चयनित हुईं और अब न्यायालय में पेश हो चुकी हैं। शंकरगढ़ पुलिस मामले के अन्य पहलुओं की जांच कर रही है। बहरहाल क्या यह घोटाला और बड़ा निकलेगा..?