बेमौसम बरसात का सैलाब: खेतों में डूबी मेहनत, खलिहान में सिसकते सपने... कच्ची सड़कें कीचड़ में तब्दील, अगले 24 घंटे और बारिश की आशंका

बेमौसम बरसात का सैलाब: खेतों में डूबी मेहनत, खलिहान में सिसकते सपने... कच्ची सड़कें कीचड़ में तब्दील, अगले 24 घंटे और बारिश की आशंका
बेमौसम बरसात का सैलाब: खेतों में डूबी मेहनत, खलिहान में सिसकते सपने... कच्ची सड़कें कीचड़ में तब्दील, अगले 24 घंटे और बारिश की आशंका

सूरजपुर। लगातार मूसलाधार बारिश की बेरहम बौछारें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। खेतों में खड़ी सुनहरी धान की बालियां अब पानी में डूबे तैर रही हैं। खलिहान में मेहनत की आखिरी सांसें लेती कटी फसलें पूरी तरह सड़ने की ओर अग्रसर हैं। एक-एक दाना जो किसान की रातों की नींद और दिन की पसीने की कमाई था, अब कीचड़ में मिलकर गल रहा है। किसान खेत के किनारे खड़े होकर बस देख रहे हैं... देख रहे हैं अपनी जिंदगी का आखिरी सहारा डूबता हुआ।खलिहान में रखी फसल भीगकर काली पड़ गई। अगर धूप न निकली तो अनाज खराब हो जाएगा। वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण सड़कें कीचड़ की दलदल बन गई हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, मवेशी भूखे खेतों में फंसे हैं। किसान आसमान की ओर देखकर बस इतना कह पा रहे हैं, हे भगवान... अब बस कर दो... हम टूट चुके हैं'

पक्की फसल डूबी, कई किसानों का कल खत्म होने की कगार पर 

साल भर की कमाई, कर्ज की आखिरी किस्त, बच्चों की किताबें... सब कुछ इस बेमौसम बारिश ने एक झटके में छीन लिया। खेत में खराब होती फसलें, खलिहान में सिसकता अनाज... और किसान की आंखों में आंसू। ये बारिश नहीं, किसान की जिंदगी पर काला साया है।