मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का मध्यप्रदेश दौरा: आस्था, संस्कृति और सामाजिक सेवा का अनुपम संगम

मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का मध्यप्रदेश दौरा: आस्था, संस्कृति और सामाजिक सेवा का अनुपम संगम
मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का मध्यप्रदेश दौरा: आस्था, संस्कृति और सामाजिक सेवा का अनुपम संगम

ओंकारेश्वर, महेश्वर और महाकाल के दर्शन, रानी अहिल्याबाई की विरासत को नमन, दृष्टिबाधित बच्चों के हुनर की सराहना

रायपुर, 29 जुलाई 2025 ।छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने मध्यप्रदेश के दो दिवसीय दौरे में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सरोकारों का अनुपम संगम प्रस्तुत किया। अपने प्रवास में उन्होंने न केवल पवित्र ज्योतिर्लिंगों के दर्शन किए, बल्कि ऐतिहासिक विरासत का अवलोकन और दृष्टिबाधित बच्चों के सशक्तिकरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा दिया।बहरहाल अपने दौरे के समापन पर श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा, “मध्यप्रदेश की पावन धरती आध्यात्मिक ऊर्जा, सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक चेतना का अनूठा संगम है। इस यात्रा ने मुझे नई ऊर्जा और प्रेरणा दी है, जिसे मैं छत्तीसगढ़ की जनता के कल्याण के लिए समर्पित करूंगी।” यह दौरा न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि सामाजिक समावेश और महिला सशक्तिकरण के प्रति मंत्री की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।

पहला दिन: ओंकारेश्वर और महेश्वर में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार

दौरे के पहले दिन श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े खंडवा जिले के नर्मदा तट पर स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर पहुंचीं। उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना और नर्मदा पूजन कर छत्तीसगढ़ की जनता के सुख, समृद्धि और सामाजिक सौहार्द की कामना की। इसके बाद वे खरगौन जिले के महेश्वर पहुंचीं, जो मराठा शासिका देवी अहिल्याबाई होल्कर की धार्मिक आस्था और वास्तुकला की अनमोल धरोहर के लिए विख्यात है। यहाँ उन्होंने महेश्वर मंदिर और घाट का दर्शन कर इस ऐतिहासिक स्थल की महत्ता को आत्मसात किया।

दूसरा दिन: महाकाल की भक्ति और अहिल्याबाई की विरासत से रूबरू  

दौरे के दूसरे दिन मंत्री उज्जैन पहुंचीं, जहाँ उन्होंने विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रातःकालीन भस्म आरती में हिस्सा लिया। शिव आराधना के साथ उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता के लिए आशीर्वाद मांगा। इसके बाद श्री कालभैरव मंदिर में दर्शन कर उन्होंने प्रदेश की सुरक्षा और समृद्धि की प्रार्थना की। उज्जैन के बाद श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े इंदौर में रानी अहिल्याबाई होल्कर के ऐतिहासिक राजबाड़ा और अहिल्या महल पहुंचीं। मराठा कालीन स्थापत्य कला और अहिल्याबाई की प्रशासनिक कुशलता से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर उन्होंने कहा, “अहिल्याबाई जैसी नारियां न केवल प्रेरणा की स्रोत हैं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल भी हैं।” उन्होंने इस धरोहर को महिलाओं के नेतृत्व का प्रतीक बताया।

दृष्टिबाधित बच्चों के हुनर को सलाम  

इंदौर में आयोजित दृष्टिबाधित बच्चों के लिए रोजगार मूलक स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होकर श्रीमती राजवाड़े ने बच्चों के आत्मविश्वास, हुनर और जिजीविषा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “दिव्यांगजन समाज का अभिन्न अंग हैं। सरकार की योजनाएं उन्हें आत्मनिर्भर और मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने प्रशिक्षकों और सामाजिक संगठनों से ऐसे कार्यक्रमों को और समावेशी बनाने का आह्वान किया, ताकि दिव्यांग बच्चों को सम्मानजनक रोजगार के अवसर मिल सकें।