मृत आदिवासी महिला के नाम पर फर्जी आधार कार्ड से 10 एकड़ जमीन हड़पी: भू माफिया की साजिश में राजस्व विभाग व रजिस्ट्री ऑफिस की मिलीभगत उजागर

मृत आदिवासी महिला के नाम पर फर्जी आधार कार्ड से 10 एकड़ जमीन हड़पी: भू माफिया की साजिश में राजस्व विभाग व रजिस्ट्री ऑफिस की मिलीभगत उजागर
मृत आदिवासी महिला के नाम पर फर्जी आधार कार्ड से 10 एकड़ जमीन हड़पी: भू माफिया की साजिश में राजस्व विभाग व रजिस्ट्री ऑफिस की मिलीभगत उजागर

अधिकारियों-दलालों की जुगलबंदी से बढ़ रही अराजकता; जनप्रतिनिधियों ने एसपी से की कड़ी कार्रवाई की मांग

सूरजपुर/भैयाथान। जिले के भटगांव तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनपुर (सु) में एक सनसनीखेज फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां 2018 में मृत हो चुकी आदिवासी महिला ऋषि बाई पति बलीराम उरांव के नाम पर फर्जी आधार कार्ड बनाकर 10 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई। अनुसूचित जाति की महिला बच्ची पिता बालम नरेशपुर ने खुद को आदिवासी दिखाने के लिए आधार कार्ड में नाम एडिट करवाकर ऋषि बाई के रूप में पेश किया और भू माफिया के साथ मिलकर यह धोखाधड़ी की। इस मामले में राजस्व विभाग व रजिस्ट्री कार्यालय की भूमिका सबसे बड़ी बताई जा रही है, जहां दलालों, अधिकारियों और कर्मचारियों की लंबे समय से जुगलबंदी चल रही है। इससे जिले में कानून व्यवस्था बिगड़ने के आसार बढ़ गए हैं, क्योंकि ऐसे फर्जी दस्तावेजों से गरीब आदिवासियों की जमीनें आसानी से हड़पी जा रही हैं।

मामले का खुलासा तब हुआ जब ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों को पता चला कि मृत ऋषि बाई की जमीन (पटवारी हल्का नंबर 30) को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर दिया गया। बच्ची ने अपनी आधार कार्ड में कूट रचित बदलाव कर नाम को ऋषि बाई पति बलीराम उरांव कर लिया और खुद को अनुसूचित जनजाति की महिला बताकर यह करतूत की। रजिस्ट्री यशोदा देवी पति मान सिंह (गोंड आदिवासी, निवासी मितगई, तहसील रामानुजगंज, जिला बलरामपुर) के नाम पर की गई, जबकि गवाह सरगुजा और बलरामपुर जिलों से बुलाए गए। मृत महिला को जीवित दिखाकर तैयार किए गए फर्जी दस्तावेजों से साफ है कि यह एक संगठित गिरोह की साजिश है।

ग्रामीणों का आरोप है कि भू माफिया ने राजस्व विभाग के अधिकारियों, पटवारी, आरआई और तहसीलदार की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा अंजाम दिया। बिना इनकी मदद के मृत व्यक्ति की जमीन रजिस्ट्री करना असंभव है। वहीं दूसरी तरफ रजिस्ट्री कार्यालय में दलालों और अधिकारियों की जुगलबंदी लंबे अरसे से कायम है, जिससे भू माफिया लगातार गड़बड़झाला करते आ रहे हैं। नवीन नियमों के आने के बाद नामांतरण और रजिस्ट्री प्रक्रिया और आसान हो गई है, जिसका फायदा ये गिरोह उठा रहे हैं। इससे जिले में ऐसे मामलों की संख्या में इजाफा हुआ है, जो कानून व्यवस्था को बिगाड़ रही है और गरीब, आदिवासी व कमजोर तबके की जमीनें असुरक्षित हो गई हैं। यदि समय रहते रोक नहीं लगी, तो अराजकता फैल सकती है।इस गंभीर प्रकरण पर जनपद पंचायत सदस्य कांति देवी सिंह मार्को, सरपंच छोटे लाल सिंह, सरपंच मंजू महेश पैकरा सहित अन्य ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक सूरजपुर को लिखित शिकायत सौंपी है। उन्होंने मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि फर्जी आधार से रजिस्ट्री जैसे अपराधों पर सख्ती जरूरी है, वरना आदिवासियों की जमीनें लगातार लुटती रहेंगी। पुलिस ने जांच शुरू करने का आश्वासन दिया है, लेकिन स्थानीय लोग अधिकारियों की मिलीभगत पर सवाल उठा रहे हैं।