लकड़ी माफियाओं का खुला खेल: दो विभागों की 'मिलीभगत' से उजड़ रहे हरे-भरे जंगल
सूरजपुर/चांदनी बिहारपुर। छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश की सरहद पर बसा गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान इन दिनों लकड़ी तस्करों की दहशत में कराह रहा है। संरक्षण के नाम पर करोड़ों खर्च करने वाला ये पार्क अब तस्करों का 'खुला खजाना' बन चुका है। सूत्रों की मानें तो रोजाना सैकड़ों कीमती सागवान और साल के पेड़ कटकर एमपी के सिंगरौली पहुंचाए जा रहे हैं। ग्रामीण चीख रहे हैं- 'वन विभाग और पार्क मैनेजमेंट की मिलीभगत बिना ये खेल मुमकिन नहीं!' लेकिन अफसर चुप्पी साधे बैठे हैं। क्या जंगल बचेंगे या सिर्फ कागजी कार्रवाई...? कुलमिलाकर ये सिर्फ लकड़ियों की चोरी नहीं, बल्कि हमारी सांसों का संकट है! अगर अब नहीं चेते तो गुरु घासीदास पार्क की हरीतिमा हमेशा के लिए खो जाएगी। हमारी ये रिपोर्ट क्या अफसरों को जगाएगी या जंगल ऐसे ही उजड़ते रहेंगे..?
तस्करों ने बनाई सुरक्षित मार्ग, रातोंरात मोटरसाइकिलों सहित अन्य वाहनों पर लकड़ियां पार
तस्कर बेखौफ कोल्हुआ, खोहीर, बैजनपाठ, लूल्ह, कछवारी और जूडवनीया के घने जंगलों में कुल्हाड़ी चला रहे हैं। सीमा पर लगे बैरियर को पार कर मकरादुवारी और पठारीपारा रूट से लकड़ियां एमपी भेजी जा रही हैं। ग्रामीण बताते हैं- 'सीमावर्ती गांवों में तस्करों ने 'गुप्त गोदाम' बना रखे हैं। रात के अंधेरे में साइकिल-मोटरसाइकिल लोड कर माल गायब। सूत्रों का दावा- ये सब पार्क की महुली रेंज और बिहारपुर वन विभाग की नाक तले हो रहा है।
ग्रामीणों का आरोप: 'अफसरों की सेटिंग, तस्करों को पहले मिल जाती है 'टिप'
स्थानीय लोग गुस्से में उबल रहे हैं। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया- 'कार्रवाई की खबर तस्करों तक पहले पहुंच जाती है। वे सामान छिपाकर भाग जाते हैं, अफसर सिर्फ पेपरवर्क में व्यस्त' खुद को बताते हैं। बहरहाल दोनों विभाग मिलकर जंगल लूट रहे हैं। अगर ईमानदारी होती तो अब तक तस्करी रुक जाती' क्या ये 'मिलीभगत' का खेल है या सिर्फ लापरवाही...?
वन्यजीवों पर संकट की तलवार, पर्यावरण का 'कत्लेआम' जारी
ये पार्क हाथी, बाघ, भालू जैसे दुर्लभ जानवरों का सुरक्षित ठिकाना है, लेकिन पेड़ों की कटाई से उनका घर उजड़ रहा है। पर्यावरण विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे- 'मानव-वन्यजीव टकराव बढ़ेगा, बाढ़-सूखा जैसी आपदाएं आएंगी। अगर यूं ही चला तो पार्क सिर्फ नक्शे पर बचेगा आने वाली पीढ़ियां पूछेंगी- 'हमारे जंगल कहां गए...?'
प्रशासन की 'नींद' पर उठे सवाल, ग्रामीणों की जोरदार मांग- 'अब जागो'
इतनी बड़ी तस्करी पर पार्क प्रबंधन और वन विभाग की चुप्पी से हर कोई हैरान। क्या अफसर तस्करों से 'सेट' हैं..? ग्रामीण और सामाजिक संगठन मांग कर रहे:- सीमा बैरियर पर 24x7 सख्त चौकसी लगाई जाए।लकड़ी माफियाओं के खिलाफ स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाए।जंगल-वन्यजीव सुरक्षा के लिए लॉन्ग टर्म प्लान बने।