लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जयंती पर जिले के स्कूलों में हर्षोल्लास, प्रेरणादायक कार्यक्रमों का आयोजन
छात्र-छात्राओं ने पोस्टर मेकिंग, निबंध, चित्रकला और भाषण प्रतियोगिताओं में लिया हिस्सा, शिक्षकों-पालकों ने गीत-संगीत के साथ दी श्रद्धांजलि
सूरजपुर 25 मई 2025। जिले के विभिन्न स्कूलों में आज 18वीं सदी की महान शासक, कुशल प्रशासक और लोकमाता के रूप में विख्यात देवी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती धूमधाम से मनाई गई। कलेक्टर एस. जयवर्धन और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत कमलेश नंदिनी साहू के निर्देशन में, जिला शिक्षा अधिकारी भारती वर्मा और जिला मिशन समन्वयक शशिकांत सिंह के मार्गदर्शन में स्कूलों में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। उक्ताशय पर प्राप्त जानकारी अनुसार देवी अहिल्याबाई होल्कर के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण और धूप-अर्चन के साथ कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालयों, पी.एम. श्री स्कूलों, सेजेस विद्यालयों, प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
प्रेरणादायक जीवन से सीख:
देवी अहिल्याबाई होल्कर को उनके जनकल्याणकारी कार्यों, कुशल शासन, न्यायप्रियता, धार्मिक और नैतिक आचरण के लिए याद किया गया। उन्होंने पूरे भारत में 300 से अधिक मंदिरों और धार्मिक संस्थानों का निर्माण व जीर्णोद्धार करवाया, जिनमें काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर प्रमुख हैं। सामाजिक सुधार के तहत स्कूलों और अस्पतालों की स्थापना कर शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया। महिला सशक्तिकरण की प्रबल समर्थक अहिल्याबाई को 'लोकमाता', 'पुण्यश्लोका' और 'न्याय की देवी' जैसे सम्मानजनक विशेषणों से नवाजा जाता है।
विविध प्रतियोगिताओं से गूंजे स्कूल
स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए निबंध लेखन, पोस्टर मेकिंग, चित्रकला, रंगोली, भाषण और कहानी प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनमें अहिल्याबाई के प्रेरणादायक जीवन और कार्यों को रचनात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया। विजेताओं को पुरस्कृत कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई। कई स्कूलों में शिक्षकों और पालकों ने बच्चों को गीत-संगीत सिखाया, जिसके माध्यम से लोकमाता की जयंती को उत्सव के रूप में मनाया गया।
सामूहिक भागीदारी से बढ़ा उत्साह
कार्यक्रमों में शाला प्रबंधन समिति के सदस्य, जनप्रतिनिधि, पालक, प्राचार्य, प्रधान पाठक, शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं शामिल हुए। सभी ने मिलकर अहिल्याबाई के जीवन से प्रेरणा लेते हुए समाज सुधार और जनकल्याण के प्रति संकल्प लिया। बहरहाल जिलेभर के स्कूलों में आयोजित ये कार्यक्रम न केवल लोकमाता के प्रति श्रद्धांजलि थे, बल्कि युवा पीढ़ी को उनके आदर्शों से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम भी बने।