विद्यालय बाउंड्रीवाल निर्माण में अनियमितता का आरोप — 200 मीटर स्वीकृति, 60 मीटर तक ही हुआ काम
सूरजपूर। जिले में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले सुर्खियों में शामिल होते जरूर है लेकिन इन पर जांच महज खानापूर्ति तक सीमट कर रह जाने से भ्रष्टाचार की लताएं लगातार अपना दायरा बढ़ा रही है इसी कड़ी में एक और मामला सामने आया है, जिसमें जिले के प्रेमनगर विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जयपुर में स्कूल शिक्षा मद से स्वीकृत बाउंड्रीवाल निर्माण कार्य में अनियमितता और राशि दुरुपयोग के गंभीर आरोप सामने आए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय परिसर के लिए लगभग 200 मीटर लंबाई की बाउंड्रीवाल स्वीकृत की गई थी, लेकिन वास्तविक निर्माण मात्र 60–70 मीटर तक ही किया गया है। बची हुई राशि खर्च दिखाने के लिए पुराने बाउंड्रीवाल को तोड़कर उस पर केवल कुछ ईंटों की ऊँचाई तक आंशिक कार्य किया जा रहा है।ग्रामीणों के अनुसार, पुराने आहते की स्थिति पहले ही ठीक थी और किसी प्रकार की तकनीकी मरम्मत की आवश्यकता नहीं थी। उनका कहना है कि काम की गुणवत्ता बेहद निम्न स्तर की है और तकनीकी मानकों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। इससे संदेह उत्पन्न होता है कि कागज़ों पर काम का दायरा बढ़ाकर अतिरिक्त राशि को निजी हित में उपयोग करने का प्रयास हुआ है।स्थानीय लोगों ने इंजीनियर/एसडीओ, पंचायत सचिव और ठेकेदार की मिलीभगत से कमीशनखोरी का आरोप भी लगाया है। उनका कहना है कि “काम आधा, बिल पूरा” का चलन खुलेआम हो रहा है और छात्रों की सुरक्षा व विद्यालय की जरूरतों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।शिकायतकर्ताओं ने जिला पंचायत सूरजपुर को पत्र भेजकर पूरे कार्य की स्वतंत्र तकनीकी जांच कराने, माप-पुस्तिका (एमबी) के सत्यापन तथा दोषी अधिकारियों व ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग उठाई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कर प्रशासन को कठघरे में खड़ा करेंगे।ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़े कार्यों में भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब इस मामले पर प्रशासन की गंभीरता और कार्रवाई की दिशा पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।