सूरजपुर का गौरव: कमलकांत ने नीट पास कर मेडिकल कॉलेज में जगह बनाई, पुलिस परिवार का सीना गर्व से चौड़ा

सूरजपुर का गौरव: कमलकांत ने नीट पास कर मेडिकल कॉलेज में जगह बनाई, पुलिस परिवार का सीना गर्व से चौड़ा

सूरजपुर, 17 अगस्त 2025। शहर के वार्ड नंबर 01 निवासी कमलकांत यादव ने अपनी मेहनत, लगन और सपनों की उड़ान से नीट परीक्षा में शानदार सफलता हासिल कर पूरे शहर सहित जिले का मान बढ़ाया है। इस होनहार बेटे ने शासकीय मेडिकल कॉलेज, कोरबा में प्रवेश पाकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे सूरजपुर को गर्व का पल दिया है। उनकी इस उपलब्धि ने हर उस युवा के दिल में उम्मीद की किरण जगाई है, जो बड़े सपने देखता है।

कमलकांत, पुलिस विभाग में प्रधान आरक्षक के पद पर तैनात मुकेश यादव के पुत्र हैं, जो झीलमिली थाने में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कमलकांत की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं। ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया की चकाचौंध से कोसों दूर, इस मेहनती छात्र ने रोजाना 10 से 12 घंटे पढ़ाई कर अपने लक्ष्य को हासिल किया। परिजनों का कहना है कि कमलकांत शुरू से ही मेधावी रहे हैं और हर कक्षा में टॉप कर अपने शिक्षकों और परिवार का सिर गर्व से ऊंचा किया है।

पुलिस विभाग में खुशी की लहर, जश्न का माहौल

कमलकांत की इस उपलब्धि ने पुलिस विभाग को भी गौरवान्वित किया है। झीलमिली थाने में अधिकारियों और कर्मचारियों ने केक काटकर और मिठाइयां बांटकर इस खुशी को साझा किया। हर चेहरे पर गर्व की चमक और कमलकांत के उज्ज्वल भविष्य की कामना साफ झलक रही थी। पुलिस अधिकारियों ने इस युवा प्रतिभा को बधाई देते हुए कहा कि कमलकांत जैसे मेहनती बच्चे समाज के लिए प्रेरणा हैं।

परिवार की मेहनत और पुलिस कप्तान की व्यवस्था का कमाल 

कमलकांत ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और परिजनों को दिया। उनके पिता मुकेश यादव ने भावुक होते हुए बताया कि जिला पुलिस कप्तान की बेहतर पुलिसिंग व्यवस्था ने उन्हें परिवार को समय देने का मौका दिया, जिससे कमलकांत की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया जा सका। उन्होंने कहा, "यह मेरे बेटे की मेहनत और हमारे कप्तान की व्यवस्था का नतीजा है कि आज हमारा परिवार गर्व से भरा है।"

सपनों को सच करने की प्रेरणा  

कमलकांत की यह उपलब्धि सूरजपुर के हर उस युवा के लिए एक मिसाल है, जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखता है। उनकी कहानी बताती है कि मेहनत, अनुशासन और परिवार का साथ हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। सूरजपुर आज अपने इस लाल पर गर्व कर रहा है, और कमलकांत का यह सफर निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।