एनएचएम कर्मचारी संघ का शासन को अल्टीमेटम: सीआर में पारदर्शिता लाओ, नहीं तो होगा आंदोलन

एनएचएम कर्मचारी संघ का शासन को अल्टीमेटम: सीआर में पारदर्शिता लाओ, नहीं तो होगा आंदोलन
एनएचएम कर्मचारी संघ का शासन को अल्टीमेटम: सीआर में पारदर्शिता लाओ, नहीं तो होगा आंदोलन

26 कर्मचारियों की जा चुकी है नौकरी व कुछ की मृत्यु, अनुकंपा सुविधा का भी अभाव, परिवारों पर आर्थिक संकट

सूरजपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारी संघ ने कार्यमूल्यांकन (सीआर) में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग को लेकर मिशन संचालक और सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ) को पत्र लिखकर कड़ा रुख अपनाया है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि व्यक्तिगत द्वेष, पूर्वाग्रह या दुर्भावनापूर्ण तरीके से कर्मचारियों का मूल्यांकन हुआ, तो इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। संघ ने शासन से आग्रह किया है कि कर्मचारियों का कार्यमूल्यांकन केवल उनके कार्य निष्पादन, जवाबदेही और निर्धारित दायित्वों के आधार पर हो, न कि पसंद-नापसंद या पक्षपात के आधार पर। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ होनी चाहिए, ताकि कर्मचारियों का विश्वास और प्रेरणा बनी रहे। उन्होंने बताया कि अक्सर मूल्यांकन व्यक्तिगत रुचियों पर आधारित हो जाता है, जो कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ता है।  

26 कर्मचारियों की जा चुकी नौकरी, परिवारों पर संकट  

संघ ने गंभीर चिंता जताते हुए बताया कि प्रदेश में अब तक करीब 26 एनएचएम कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त व कुछ कीमृत्यु भी की जा चुकी हैं। इन कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति जैसी कोई सुविधा भी नहीं दी गई, जिसके कारण उनके परिवार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। संघ ने मांग की है कि कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए मानव संसाधन नीति में उल्लेखित उपायों को अपनाया जाए, न कि उनकी सेवाएं समाप्त की जाएं।  

संरक्षक की भूमिका निभाएं अधिकारी  

डॉ. मिरी ने मिशन संचालक और सीएमएचओ से संरक्षक की भूमिका निभाने का आग्रह किया है, ताकि कोई भी कर्मचारी अन्याय या पक्षपात का शिकार न हो। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को उनके कार्य के अनुरूप मार्गदर्शन, समर्थन और अवसर मिलना चाहिए। इससे न केवल विभागीय कार्यप्रणाली मजबूत होगी, बल्कि एनएचएम की सेवा गुणवत्ता में भी सुधार होगा।  

आंदोलन की चेतावनी  

संघ ने साफ तौर पर कहा कि यदि किसी ब्लॉक या जिला स्तर पर अधिकारी या कर्मचारी व्यक्तिगत द्वेष के कारण सीआर खराब करते हैं या इंक्रीमेंट रोकते हैं, तो संघ इसका पुरजोर विरोध करेगा। ऐसे अधिकारियों के कार्यालयों में आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई है। एनएचएम कर्मचारी संघ की इस मांग ने शासन के समक्ष एक गंभीर मुद्दा उठाया है। अब देखना यह है कि शासन इस पत्र का जवाब कैसे देता है और कर्मचारियों की मांगों पर क्या कार्रवाई होती है।