झूम उठा करमा का जादू: राजा बालम दल ने जीता प्रथम पुरस्कार, संस्कृति की धरोहर को सलाम

झूम उठा करमा का जादू: राजा बालम दल ने जीता प्रथम पुरस्कार, संस्कृति की धरोहर को सलाम
झूम उठा करमा का जादू: राजा बालम दल ने जीता प्रथम पुरस्कार, संस्कृति की धरोहर को सलाम

सूरजपुर। भैयाथान ब्लॉक के कुर्रीडीह गांव में दसईं (दशहरा) के पावन मौके पर करमा प्रतियोगिता ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। रंग-बिरंगे परिधानों में नाचते-गाते युवाओं ने अपनी गौरवशाली आदिवासी संस्कृति को जीवंत किया। इस रोमांचक मुकाबले में राजा बालम करमा दल सुन्दरपुर ने प्रथम स्थान हासिल कर तालियां बटोरीं, जबकि सती करमा दल गंगौटी द्वितीय और जय मां काली करमा दल शिवप्रसादनगर तृतीय रहे। कुल 12 टीमों ने हिस्सा लिया, जिसमें भगवान बिरसा मुंडा करमा दल कुर्रीडीह, आदिवासी करमा दल कुसमुसी, सरस्वती करमा दल बड़सरा, मां सती करमा दल केंवरा, बजरंग करमा दल बसकर, जय भोले करमा दल बरपारा, ज्वालामुखी करमा दल बन्जा, जय मां दुर्गा करमा दल मसिरा, सिद्धेश्वर करमा दल भंवराही और जागृति करमा दल भकुरा जैसी टीमों ने जोरदार प्रस्तुति दी।कार्यक्रम में भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण सिंह ने जोशीला संबोधन दिया। उन्होंने कहा, "करमा, शैला जैसे नृत्य महज मनोरंजन नहीं, बल्कि हमारी गौरवशाली संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। इन्हें संजोकर रखना हमारा कर्तव्य है।" मंत्री प्रतिनिधि ठाकुर प्रसाद राजवाड़े ने नई पीढ़ी के उत्साह की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को जड़ों से जोड़ते हैं। जनपद पंचायत सदस्य प्रतिनिधि नेहा सिंह ने सुझाव दिया कि ऐसे कार्यक्रम नियमित होने चाहिए, ताकि सांस्कृतिक विरासत जीवित रहे। भाजपा नेता रक्षेन्द्र प्रताप सिंह ने करमा की पौराणिक कथा सुनाकर इसके आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला।समारोह में जिला पंचायत सदस्य अखिलेश प्रताप सिंह, जनपद सदस्य तुलेश्वर सिंह, ओम प्रकाश पैकरा, नेहा सिंह, भाजपा मंडल महामंत्री शान्तनु गोयल, रूपेन्द्र कुशवाहा, रक्षेन्द्र प्रताप सिंह, कुदरगढ़ के बैगा राजा रामकुमार बंछोर, सरपंच अमित सिंह (बंजा), अशोक पैकरा, संदीप कुशवाहा, जगनारायण सिंह (बड़सरा), सुरेश सिंह (बस्कर), अमर सिंह (कुर्रीडीह), सत्यनारायण सिंह (करौन्दामुड़ा प्रतिनिधि), रामेश्वर सिंह, वीरेन्द्र पैकरा, परषोत्तम सिंह, कैलाश सिंह मरावी, नन्हू राम, हीरालाल सिंह, रामप्रसाद सिंह, विजेन्द्र मिन्ज, पूरन सिंह, चन्द्रबहाल, नोहर सिंह, सोहर सिंह, ओमप्रकाश, महावीर सिंह, प्रभात जयदीप समेत पूर्व सरपंच रामेश्वर सिंह (बस्कर), रामेश्वर सिंह पोया, पन्नेलाल, मन्नू, शंखलाल, नीरज, फुलसाय, शिवबचन जैसे प्रमुख लोग और सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। यह आयोजन न सिर्फ मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी साबित हुआ।