टूटे पुल ने रोका रास्ता, ग्रामीणों का जीवन नरकमय, उग्र आंदोलन की चेतावनी

टूटे पुल ने रोका रास्ता, ग्रामीणों का जीवन नरकमय, उग्र आंदोलन की चेतावनी
टूटे पुल ने रोका रास्ता, ग्रामीणों का जीवन नरकमय, उग्र आंदोलन की चेतावनी

सूरजपुर, 05 अगस्त 2025। भैयाथान विकासखंड के ग्राम पंचायत डबरीपारा (खुटरापारा) में गोबरी नदी पर बना केवरा-डुमरिया मार्ग का पुल भारी बारिश और तेज जल बहाव के कारण पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इस पुल के टूटने से शिवप्रसादनगर से सूरजपुर पहुंच मार्ग पर आवागमन ठप हो गया है, जिससे 10-12 गांवों के हजारों ग्रामीणों का जिला और विकासखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। मंगलवार को जनपद सदस्य राजू कुमार गुप्ता के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचकर अपनी पीड़ा बयां की और गंगोटी-शिवपुर सड़क की मरम्मत तथा गोबरी नदी पर अस्थायी रपटा पुल निर्माण की मांग की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों के भीतर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।बहरहाल क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों की नजरें अब प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन की चेतावनी हकीकत में बदल सकती है। प्रशासन के लिए यह न केवल एक प्रशासनिक चुनौती है, बल्कि ग्रामीणों के विश्वास को बनाए रखने का अवसर भी है।

टूटा पुल, टूटा संपर्क

गोबरी नदी पर बना यह पुल क्षेत्र की जीवनरेखा था, जो राष्ट्रीय राजमार्ग-43 (NH-43) से जुड़ा हुआ है। हाल ही में अत्यधिक बारिश के कारण यह पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गया, जिसके चलते आसपास के गांवों का जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क टूट गया है। ग्रामीणों को अब शिवप्रसादनगर-नवापारा मार्ग से 15 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर सूरजपुर पहुंचना पड़ रहा है। इस असुविधा ने स्कूली बच्चों, मरीजों, कर्मचारियों और आमजन के लिए भारी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं, मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा, और दैनिक जरूरतों के लिए लोगों का जीवन नरकमय हो गया है।

जनदर्शन में गूंजा ग्रामीणों का दर्द 

मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनदर्शन में जनपद सदस्य राजू कुमार गुप्ता के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने एक स्वर में अपनी समस्या उठाई। उन्होंने कलेक्टर को आवेदन सौंपकर गंगोटी-शिवपुर सड़क की तत्काल मरम्मत और गोबरी नदी के जल बहाव धीमा होने पर अस्थायी रपटा पुल निर्माण की मांग की। आवेदन में कहा गया, “पुल के टूटने से हजारों ग्रामीणों का जीवन प्रभावित है। यह मार्ग NH-43 से जुड़ा होने के कारण क्षेत्र की प्रमुख सड़क है। वैकल्पिक व्यवस्था के अभाव में जनजीवन ठप हो गया है।” 

15 दिन का अल्टीमेटम, उग्र आंदोलन की चेतावनी 

ग्रामीणों ने प्रशासन को 15 दिनों का समय देते हुए स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि इस अवधि में गंगोटी-शिवपुर सड़क की मरम्मत और रपटा पुल का निर्माण नहीं हुआ तो वे सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे। आवेदन में कहा गया, “यदि 15 दिनों के भीतर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।” ग्रामीणों का कहना है कि उनकी समस्या को बार-बार अनदेखा किया जा रहा है, जिससे उनका धैर्य अब जवाब दे रहा है।

प्रशासन से समाधान की उम्मीद

ग्रामीणों के अनुसार जनदर्शन में ग्रामीणों की शिकायत सुनने के बाद संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं, कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन तत्काल वैकल्पिक मार्ग की मरम्मत और अस्थायी पुल का निर्माण करे ताकि उनकी मुश्किलें कम हो सकें।