नदी में मौत का तांडव: दो नावें पलटीं, ग्रामीणों की जांबाजी से बची दर्जनों जिंदगियां
सूरजपुर। जिले के ओडगी ब्लॉक में मयूरधक्की-सौहार ग्राम पंचायत के लांजीत इलाके में खौफनाक मंजर देखने को मिला। महान नदी के तेज बहाव में दो नावें अचानक पलट गईं, जिससे सवार महिलाओं, बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों समेत एक दर्जन से ज्यादा लोगों की जान पर बन आई। नदी किनारे चीख-पुकार मच गई, लेकिन गांववालों की सूझबूझ और बहादुरी ने एक बड़ी तबाही को टाल दिया। सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया, हालांकि कुछ लोग मामूली चोटों से घायल हुए। कुलमिलाकर यह घटना न सिर्फ स्थानीय समस्या को उजागर करती है, बल्कि विकास के नाम पर चल रही लापरवाही पर सवाल उठाती है। क्या अब जाकर प्रशासन जागेगा..?
तेज बहाव ने छीना संतुलन, पानी में गिरे सभी सवार
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नावें नदी पार कर रही थीं, तभी तेज धारा ने उनका संतुलन बिगाड़ दिया। दोनों नावें एक साथ उलट गईं और सवार लोग पानी की लहरों में समा गए। हादसे के बाद कुछ पलों के लिए दहशत का सन्नाटा छा गया। लेकिन गांव के बहादुर युवकों ने फौरन रस्सियां और लकड़ियां लेकर पानी में छलांग लगा दी। एक-एक करके सभी को बाहर खींचा गया। एक ग्रामीण ने कहा, अगर थोड़ी देर और लगती तो सब खत्म हो जाता। हमारी एकजुटता ने जान बचाई।
आजादी के 78 साल बाद भी पुल का सपना अधूरा, रोज मौत से आंख-मिचौली
यह हादसा महान नदी पर पुल न होने की दर्दनाक हकीकत को फिर से उजागर करता है। लांजीत, मयूरधक्की, सौहार और आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग हर रोज जान जोखिम में डालकर नाव से नदी पार करते हैं। स्कूल जाना हो, अस्पताल पहुंचना हो या बाजार, हर काम मौत के मुंह से गुजरता है। खासकर मानसून में जलस्तर बढ़ने पर महिलाओं और बच्चों की जान पर बन आती है।
ग्रामीणों का गुस्सा: बार-बार मांग, लेकिन प्रशासन की नींद नहीं टूटी
ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने कई बार जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को पुल निर्माण के लिए ज्ञापन सौंपा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं। यहां के ग्रामीणों ने कहा, कागजों में विकास चल रहा है, लेकिन जमीन पर मौत का खेल। आज की घटना चेतावनी है, कल कोई बड़ी दुर्घटना हुई तो जिम्मेदार कौन..? हादसे की खबर प्रशासन को दी गई, लेकिन शाम तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द पुल नहीं बना तो वे सड़कों पर उतरेंगे और आंदोलन करेंगे।