प्रेमनगर के होनहार अंकित ने CGPSC में 109वीं रैंक हासिल कर रचा इतिहास
सूरजपुर ।"संघर्ष की मशाल से रोशन हुआ सपनों का आकाश!" सूरजपुर जिले के प्रेमनगर के होनहार युवा अंकित कुमार नामदेव ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2024 के रिजल्ट में आबकारी उप निरीक्षक पद पर 109वीं रैंक हासिल कर पूरे क्षेत्र में खुशी की बौछार कर दी। छोटे से कस्बे से निकलकर बड़ी ऊंचाइयों को छूने वाली यह कहानी सूरजपुर जिले के सैकड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा का नया अध्याय बन गई है।अंकित के पिता नेत राम नामदेव और माता (सेवानिवृत्त महिला एवं बाल विकास सुपरवाइजर) की कड़ी मेहनत और मार्गदर्शन ने उन्हें यह मुकाम दिलाया। वर्तमान में परिवार गौरेला-पेंड्रा में रहता है, लेकिन अंकित की जड़ें सूरजपुर जिले के प्रेमनगर की मिट्टी से जुड़ी हैं। बचपन की गलियों में खेलते हुए उन्होंने कक्षा 1 से 12 तक की पढ़ाई यहीं के स्कूलों में पूरी की। 2010 में 12वीं गणित विषय से 86% अंकों के साथ पास होकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरा। फिर रायपुर के कोलंबिया कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की,इंजीनियरिंग के बाद प्राइवेट सेक्टर में नौकरी की, दिल्ली तक पहुंचे, लेकिन दिल की धड़कन जनसेवा और प्रशासनिक सेवा में थी। बिलासपुर लौटकर PSC की तैयारी शुरू की। इसी दौरान छत्तीसगढ़ सरकार की फ्री PSC कोचिंग में शिक्षक बने और पढ़ाते-पढ़ाते खुद की तैयारी को भी तेज रफ्तार दी। कई बार मेंस क्लियर किया, इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन नायब तहसीलदार पोस्ट में थोड़े से अंकों की कमी से चूक गए। फिर भी हार न मानी—इसे सीढ़ी बनाकर और कड़ी मेहनत से 2024 में आबकारी उप निरीक्षक में 109वीं रैंक पक्की की।अपने अनुभव साझा करते हुए अंकित ने कहा, "सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं! सच्ची लगन, निरंतर अभ्यास और ईमानदारी ही PSC की असली कुंजी है। मेरा सपना डिप्टी कलेक्टर बनने का है, और इस सेवा में रहते हुए भी परीक्षा देता रहूंगा।"
खेलकूद में भी कमाल के थे अंकित। बचपन के दोस्त जितेंद्र साहू (शासकीय शिक्षक) ने बताया, "पढ़ाई और क्रिकेट दोनों में धुरंधर! बैटिंग-बॉलिंग के फैन थे सबके, गणित के सवाल पलक झपकते हल कर देते।" वन विभाग के रितेश मिश्रा बोले, "स्कूल के टेनिस बॉल क्रिकेट से लेकर आज की सफलता तक—अंकित हमेशा स्टार रहे। गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है!"
हायर सेकेंडरी के गणित शिक्षक विपिन पांडेय (विकासखंड शिक्षा अधिकारी) ने गर्व से कहा, "12वीं में सिर्फ दो छात्र थे गणित संकाय में। अंकित की लगन देख तभी पता था कि ये कुछ बड़ा करेगा। शुभकामनाएं और अगले लक्ष्य के लिए आशीर्वाद"
अंकित की इस उपलब्धि से सूरजपुर जिले के प्रेमनगर और आसपास के युवा उत्साह से लबरेज हैं। यह साबित करती है कि जिले के छोटे कस्बों के सपने भी मजबूत इरादे से हकीकत बन जाते हैं। परिवार, दोस्तों और ग्रामीणों ने उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बधाई दी। अंकित जैसी कहानियां सूरजपुर के युवाओं को संदेश देती हैं—हार को हौसला बनाओ, सफलता खुद दौड़ेगी!