मनरेगा कर्मचारियों के EPF में 11 लाख की गबन, तीन आरोपी जेल भेजे गए
बलरामपुर।जनपद पंचायत वाड्रफनगर में मनरेगा कर्मचारियों के EPF खाते से 11,26,254 रुपये की गबन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। तत्कालीन लेखापाल वीरेंद्र कुमार यादव, डाटा एंट्री ऑपरेटर भगवान सिंह और उनकी पत्नी अंजू सिंह ने मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। आरोपियों ने कर्मचारियों के हक के पैसे को अंजू सिंह के स्टेट बैंक और फिनो बैंक खातों में छलपूर्वक ट्रांसफर किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उक्ताशय पर प्राप्त जानकारी अनुसार जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मोहम्मद निजामुद्दीन की शिकायत पर वाड्रफनगर चौकी में 29 जुलाई 2025 को मामला दर्ज किया गया। जांच में पता चला कि जून 2023 से जून 2025 तक वीरेंद्र और भगवान ने मिलकर EPF की राशि को अंजू सिंह के खातों में डायवर्ट किया। वीरेंद्र के मोबाइल पर आने वाले OTP का इस्तेमाल भगवान सिंह अपनी पत्नी के खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए करता था। अंजू सिंह इस राशि को अपने एटीएम से निकालती थी।वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर गठित पुलिस टीम ने वीरेंद्र को रामानुजगंज और भगवान को छत्तीसगढ़-उत्तर प्रदेश सीमा से गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने अपराध कबूल किया। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल मोबाइल, पासबुक और अंजू के एटीएम कार्ड को जब्त किया। 20 अगस्त 2025 को अंजू सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी धीरेंद्र तिवारी, सहायक उपनिरीक्षक पुष्पराज सिंह, कल्पना निकुंज और महिला आरक्षक प्रमिला आयाम की अहम भूमिका रही। पुलिस की इस कार्रवाई से कर्मचारियों में न्याय की उम्मीद जगी है।