महोरा एनीकट में दो किशोरों की डूबने से मौत, घंटों मशक्कत बाद शव बरामद
सूरजपुर, 29 मई 2025। जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत महोरा एनीकट में बुधवार को एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। नहाने गए दो 15 वर्षीय किशोर, भानु और अविनाश देवांगन, गहरे पानी और तेज बहाव की चपेट में आकर डूब गए। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद गुरुवार दोपहर को पुलिस, डीडीआरएफ और गोताखोरों की संयुक्त टीम ने दोनों के शव बरामद किए। इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया, और क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बहरहाल यह दुखद हादसा न केवल दो परिवारों के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी भी है। महोरा एनीकट में हुई इस त्रासदी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि सुरक्षा के प्रति लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है। क्षेत्र में मातम का माहौल है, और लोग इस दुखद घटना से स्तब्ध हैं। प्रशासन और समाज को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह का दर्द न झेले।
हादसे का मंजर: दोस्तों के साथ नहाने गए थे किशोर
जानकारी के मुताबिक, सूरजपुर शहर के अग्रसेन वार्ड निवासी भानु, पिता कन्हैया, और अविनाश देवांगन, पिता सुशील, अपने कुछ दोस्तों के साथ महोरा एनीकट में नहाने गए थे। गर्मी से राहत पाने के लिए नहाते समय दोनों अनजाने में गहरे पानी की ओर चले गए। तेज बहाव ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया, और देखते ही देखते दोनों पानी में समा गए। साथ गए दोस्तों ने शोर मचाकर स्थानीय लोगों को सूचित किया। ग्रामीणों ने तत्काल कोतवाली पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस और सूरजपुर-बैकुंठपुर की डीडीआरएफ टीमें मौके पर पहुंचीं।
रेस्क्यू ऑपरेशन: गहरा पानी और तेज बहाव बने चुनौती
रेस्क्यू ऑपरेशन में गोताखोरों और स्थानीय लोगों की मदद ली गई, लेकिन गहरा पानी और तेज बहाव ने सर्च ऑपरेशन को मुश्किल बना दिया। कई घंटों की मेहनत के बाद गुरुवार दोपहर दोनों किशोरों के शव बरामद किए गए। शव देखते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। घटनास्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई, और लोग बच्चों की सलामती के लिए प्रार्थना करते रहे। लेकिन समय बीतने के साथ उम्मीदें टूट गईं, और क्षेत्र में मातम छा गया।
पहले भी हो चुके हैं हादसे, लापरवाही पर सवाल
इस तरह की यह पहली घटना नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्मी के मौसम में बच्चे और युवा अक्सर यहां नहाने आते हैं, लेकिन गहरे पानी और तेज बहाव के खतरे के बारे में जागरूकता की कमी के कारण ऐसी त्रासदियां होती रहती हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि एनीकट के पास चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं, सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाएं और जागरूकता अभियान चलाए जाएं। सूरजपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवेश गोयल ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक जताते हुए प्रशासन से शोक संतप्त परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा, “महोरा एनीकट में बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। प्रशासन को तत्काल कदम उठाकर ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए ठोस उपाय करने चाहिए। चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा व्यवस्था की कमी इस हादसे का बड़ा कारण है।”
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, भविष्य में रोकथाम की जरूरत
यह हादसा एक बार फिर जलाशयों के पास सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर करता है। सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। चेतावनी बोर्ड, सुरक्षा गार्ड की तैनाती और नियमित जागरूकता अभियान जैसे उपायों की जरूरत पर बल दिया जा रहा है।