सर्दी में पशुओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी, ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सा व्यवस्था पर उठे सवाल
सूरजपुर । कड़ाके की ठंड ने जहां आम लोगों की मुश्किलें बढ़ाई हैं, वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले पशुपालकों के लिए सर्दी का मौसम बड़ी चुनौती बन गया है। प्रशासन ने पशुओं की सुरक्षा के लिए एडवाइजरी जारी कर सतर्क किया है, मगर हकीकत यह है कि गांवों में पशु चिकित्सकों की कमी से लोग पहले से ही परेशान हैं।ग्रामीण पशुपालकों का कहना है कि डॉक्टर हफ्ते में सिर्फ एक-दो दिन ही दिखते हैं और जरूरत पड़ने पर दवा-दवा के लिए भटकना पड़ता है। कई का आरोप हैसरकारी योजनाएं कागजों में, जमीनी स्थिति बदहाल… डॉक्टर आएं तो इलाज हो।ऐसे में प्रशासन की एडवाइजरी उन्हें महज औपचारिकता लग रही है। बहरहाल विज्ञप्ति में उल्लेख है कि शीतलहर, कोहरा और धुंध के कारण पशुओं में न्यूमोनिया सहित कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे दुग्ध उत्पादन प्रभावित होता है और मृत्यु की आशंका भी रहती है। प्रशासन ने पशुपालकों से पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए विशेष सावधानियां बरतने की अपील की है।एडवाइजरी में पशुओं को अतिरिक्त पोषण देने, चारे और दवाओं का पर्याप्त भंडारण रखने, रात में ठंडी हवा से बचाव के लिए शेड को सुरक्षित रखने, धूप की व्यवस्था सुनिश्चित करने, बैठने की जगह को सूखा और गर्म बनाए रखने तथा बीमार पशुओं को तुरंत पशु चिकित्सक के पास ले जाने की बात कही गई है। साथ ही पंचायतों एवं नगरीय निकायों को गौशालाओं व कांजी हाउस में चारा-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सा सेवाओं की स्थिति को लेकर पशुपालकों में नाराजगी भी सामने आई है। कई पशुपालकों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में पशु चिकित्सकों की उपलब्धता बेहद कम है। डॉक्टर सप्ताह में एक-दो दिन ही पहुंचते हैं, ऐसे में बीमार पशुओं के इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ता है। दवाइयां भी कई बार पशुपालकों को खुद ही खरीदनी पड़ती हैं।पशुपालकों का कहना है कि एडवाइजरी जारी करना ठीक है, लेकिन जब तक ग्रामीण स्तर पर पशु चिकित्सा व्यवस्था मजबूत नहीं होगी, तब तक इस तरह के निर्देश प्रभावी नहीं हो पाएंगे। उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की है कि शीतकालीन मौसम में पशुओं की सुरक्षा को देखते हुए सेवाओं को बेहतर बनाया जाए, ताकि पशुपालकों को नुकसान से बचाया जा सके।