चार राज्यों की संयुक्त रणनीति: वन्यजीव संरक्षण और मानव-हाथी द्वंद्व पर प्रभावी कार्ययोजना

चार राज्यों की संयुक्त रणनीति: वन्यजीव संरक्षण और मानव-हाथी द्वंद्व पर प्रभावी कार्ययोजना
चार राज्यों की संयुक्त रणनीति: वन्यजीव संरक्षण और मानव-हाथी द्वंद्व पर प्रभावी कार्ययोजना

अंतर्राज्यीय फॉरेस्ट समन्वय बैठक संपन्न, सीमावर्ती जंगलों की सुरक्षा के लिए साझा प्रयास

बलरामपुर, 30 जुलाई 2025। वाड्रफनगर फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में आयोजित अंतर्राज्यीय फॉरेस्ट समन्वय बैठक में छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और झारखंड के वन विभागों ने वन्यजीव संरक्षण और मानव-हाथी द्वंद्व को कम करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की। बलरामपुर वनमंडलाधिकारी आलोक बाजपेयी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में चारों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

हाथी-मानव द्वंद्व और वन अपराधों पर मंथन

 बैठक में हाथियों के बढ़ते विचरण, ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली क्षति और अवैध लकड़ी तस्करी जैसे गंभीर मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में वन्यजीव गतिविधियों और अपराधों पर नियंत्रण के लिए संयुक्त रणनीति पर जोर दिया। 

सूचना तंत्र और संयुक्त गश्त को मंजूरी  

चारों राज्यों के वन विभागों ने सूचना आदान-प्रदान को तेज करने, एकीकृत सूचना नेटवर्क स्थापित करने और रैपिड रिस्पांस टीमों की तैनाती का निर्णय लिया। इसके अलावा, मानव-हाथी द्वंद्व को कम करने के लिए स्थानीय समुदायों में जागरूकता अभियान और मुआवजे की प्रक्रिया को सरल करने पर सहमति बनी। 

साझा प्रयासों से जंगल और मानव बस्तियों में संतुलन

अधिकारियों ने इस बैठक को अत्यंत उपयोगी करार देते हुए समय-समय पर ऐसे आयोजनों की आवश्यकता बताई। यह पहल वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-साथ ग्रामीणों की जान-माल की रक्षा सुनिश्चित करेगी। यह बैठक चार राज्यों के बीच सहयोग को मजबूत कर जंगलों और मानव बस्तियों के बीच संतुलन स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगी।