छत्तीसगढ़ की रजत जयंती का धमाकेदार आगाज: मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मुख्य आतिथ्य में राज्योत्सव की धूम, संस्कृति के रंगों ने बांध ली सारी शाम

छत्तीसगढ़ की रजत जयंती का धमाकेदार आगाज:  मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मुख्य आतिथ्य में राज्योत्सव की धूम, संस्कृति के रंगों ने बांध ली सारी शाम
छत्तीसगढ़ की रजत जयंती का धमाकेदार आगाज:  मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मुख्य आतिथ्य में राज्योत्सव की धूम, संस्कृति के रंगों ने बांध ली सारी शाम

सूरजपुर। "छत्तीसगढ़स्य राज्यस्य, रजतोत्सवसमागमे। जयतु संस्कृतिः पुण्या, जयतु जनकल्याणता॥" – इस पावन श्लोक की गूंज के साथ छत्तीसगढ़ के 25वें राज्य स्थापना दिवस पर रजत जयंती का जश्न जोर-शोर से शुरू हो गया। अग्रसेन स्टेडियम ग्राउंड में तीन दिवसीय राज्योत्सव का शुभारंभ करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा, "यह सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि हमारी पहचान और सामूहिक गौरव का उत्सव है।" स्थानीय कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जबकि जनजातीय नृत्यों ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को नई चमक दी।राज्योत्सव का यह भव्य आयोजन छत्तीसगढ़ को 'धान का कटोरा' से कहीं आगे ले जाता है – यह संस्कृति का अथाह खजाना है। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने मुख्य मंच से प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए जोर देकर कहा, "25 गौरवशाली वर्षों में छत्तीसगढ़ ने प्रकृति, संस्कृति और विकास की त्रिवेणी को मजबूत किया है। लोकगीतों में जीवन की धड़कन, नृत्यों में आत्मा की उड़ान और परंपराओं में पीढ़ियों का सार समाया है।" उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण, पोषण, शिक्षा और जनकल्याण की उपलब्धियों का जिक्र किया, जो 'आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़' की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं।कार्यक्रम की शुरुआत संस्कृत श्लोक से हुई, जो राज्य की पुण्य संस्कृति और जनकल्याण की भावना को समर्पित था। गायिका स्तुती जायसवाल की मधुर आवाज ने शाम को और भी यादगार बना दिया, तो "उत्तर छत्तीसगढ़ क्षेत्र जनजातीय लोक नृत्य महोत्सव" की जिला स्तरीय प्रतियोगिता ने जनजातीय कलाओं को नई पहचान दी। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणी देवपाल सिंह पैकरा ने कहा, "यह पर्व हमारी अस्मिता और विकास यात्रा का प्रतीक है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और युवाओं को अवसर देने में सरकार की कोशिशें काबिले-तारीफ हैं। जनभागीदारी से ही 'नवा छत्तीसगढ़' का सपना साकार होगा।"

कलेक्टर एस. जयवर्धन ने राज्य गठन के बाद सूरजपुर जिले की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा, "यह उत्सव हमारी सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकता का आईना है। महिला सशक्तिकरण से स्वास्थ्य-शिक्षा तक हर क्षेत्र में प्रगति नई मिसाल है। आइए, सब मिलकर छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर ऊंचाइयों पर ले चलें।"

कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष स्वाति सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष कुसुमलता राजवाड़े, मुरली मनोहर सोनी, शशिकांत गर्ग जैसे जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत कुमार ठाकुर, वनमंडलाधिकारी पंकज कमल, जिला पंचायत सीईओ विजेन्द्र सिंह पाटले, अपर कलेक्टर जगन्नाथ वर्मा और एसडीएम शिवानी जायसवाल सहित बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। तीन दिवसीय इस उत्सव में आने वाले दिनों में और भी सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं होंगी, जो छत्तीसगढ़ की विविधता को रंगीन बनाएंगी। कुलमिलाकर यह राज्योत्सव न सिर्फ जश्न है, बल्कि एक आह्वान भी – अपनी जड़ों से जुड़कर भविष्य की उड़ान भरने का।