"जमीन खोई, हक नहीं मिला: रेहर गायत्री खदान बंद कर ग्रामीणों का फूटा आक्रोश"

"जमीन खोई, हक नहीं मिला: रेहर गायत्री खदान बंद कर ग्रामीणों का फूटा आक्रोश"

सूरजपुर ।"जमीन दी, सपना टूटा — अब आर-पार की लड़ाई!" इसी जज्बे के साथ गेतरा, मानी, पोड़ी और जोबगा गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने रेहर स्थित गायत्री भूमिगत खदान का गेट जाम कर दिया। सुबह से ही महिलाएं, बुजुर्ग और युवा हाथों में बैनर लेकर खदान के बाहर डटे रहे। प्रदर्शन इतना तीखा था कि खदान का पूरा संचालन ठप हो गया और एसईसीएल को लाखों का नुकसान झेलना पड़ा।ग्रामीणों ने दो टूक ऐलान किया — जब तक नौकरी, मुआवजा और बुनियादी सुविधाओं की मांगें पूरी नहीं होतीं, खदान का ताला नहीं खुलेगा। बहरहाल प्रशासन की पहल और आगामी बातचीत के परिणाम पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं। ग्रामीणों की एकता और संघर्ष ने प्रशासन और कंपनी प्रबंधन दोनों को मुश्किल में डाल दिया है। अब देखना यह है कि समाधान जल्द निकलता है या आंदोलन और उग्र रूप लेता है।

25 साल की पीड़ा फूटी सड़कों पर

धरने पर बैठे ग्रामीणों ने फूट-फूट कर अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा, "1997 में जमीन गई थी, आज 2025 आ गया, लेकिन हम वहीं के वहीं हैं — न नौकरी मिली, न घर में पानी, न सड़क।" महिलाएं भी जोरदार आवाज में बोलीं — "हमारे बच्चे अब भी उजाले का सपना देख रहे हैं, जबकि हमारी जमीन से करोड़ों की कमाई हो रही है।"

प्रशासन मौके पर, भरोसा भी मिला

हालात बिगड़ते देख सूरजपुर तहसीलदार समीर शर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि प्रशासन जल्द एसईसीएल प्रबंधन के साथ बैठक कर समाधान निकालेगा।