बारातियों से भरी बस खाई में गिरी, 3 की मौत, करीब 53 घायल, 7 की हालत नाजुक
बलरामपुर। जिले में आज को एक भीषण सड़क हादसे ने खुशी के माहौल को मातम में बदल दिया। चांदो थाना क्षेत्र के कंठी घाट में बारातियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। इस दर्दनाक हादसे में एक महिला और एक बालक समेत 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब 53 लोग घायल हो गए। घायलों में 7 की हालत अत्यंत नाजुक होने के कारण उन्हें मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रेफर किया गया है। हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया, और घटनास्थल पर चीख-पुकार के बीच राहत-बचाव कार्य देर तक जारी रहा।प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बस शंकरगढ़ से बारातियों को लेकर झारखंड जा रही थी। बस में करीब 70 से 80 यात्री सवार थे, जो शादी की खुशियों में शामिल होने के लिए उत्साहित थे। आज दोपहर करीब 12:30 बजे, जब बस कंठी घाट के खतरनाक मोड़ पर पहुंची, चालक ने अचानक नियंत्रण खो दिया। देखते ही देखते बस गहरी खाई में जा गिरी। हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। चीख-पुकार और रोने-बिलखने की आवाजों से पूरा इलाका गूंज उठा। स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद चांदो थाना पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। बहरहाल इस हादसे ने एक बार फिर प्रशासन को सड़क सुरक्षा के प्रति गंभीर होने की चेतावनी दी है। कंठी घाट जैसे खतरनाक स्थानों पर रेलिंग, चेतावनी बोर्ड, और नियमित सड़क मरम्मत जैसे कदम तत्काल उठाए जाने की जरूरत है। साथ ही, बसों और अन्य वाहनों की फिटनेस जांच और चालकों के प्रशिक्षण पर भी ध्यान देना होगा। आमजन अब हादसों के लिए जिम्मेदार कारणों का जवाब चाहती है, और यह तभी संभव होगा जब प्रशासन अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाए।
राहत-बचाव में जुटी टीमें, घायलों को अस्पताल पहुंचाया
पुलिस और स्थानीय लोगों ने मिलकर राहत-बचाव कार्य शुरू किया। खाई में फंसे घायलों को निकालने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा। एंबुलेंस और अन्य वाहनों के जरिए घायलों को तत्काल बलरामपुर जिला अस्पताल पहुंचाया गया। गंभीर रूप से घायल 7 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर भेजा गया। हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बस के परखच्चे उड़ गए, और कई यात्री गंभीर रूप से चोटिल हो गए।
मृतकों की पहचान, परिवारों में कोहराम
हादसे में तीन लोगों की जान चली गई, जिनकी पहचान ममेश बड़ा, महंती कुजूर और बनेशरा तिर्की के रूप में हुई है। मृतकों में एक नन्हा बालक और एक युवा महिला शामिल हैं, जिससे उनके परिवारों में मातम पसर गया। समाचार लिखे जाने तक करीब 53 घायलों में से करीब 46 का इलाज बलरामपुर जिला अस्पताल में चल रहा है, जबकि करीब 7 की नाजुक हालत को देखते हुए अंबिकापुर रेफर किया गया है।
कलेक्टर ने संभाला मोर्चा, दिए सख्त निर्देश
हादसे की सूचना मिलते ही बलरामपुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा तुरंत जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों से मुलाकात की, उनके हालात की जानकारी ली और चिकित्सकों को बेहतर से बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर के साथ एसडीएम आनंद राम नेताम, पुलिस, प्रशासनिक अमला, और स्वास्थ्य विभाग की टीमें राहत कार्य में दिन-रात जुटी रहीं। कलेक्टर ने घायलों के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और हादसे की जांच के लिए भी निर्देश जारी किए।
3 दिन में दूसरा हादसा, सड़क सुरक्षा पर सवाल
जिले में यह तीन दिनों के भीतर दूसरा बड़ा सड़क हादसा है। मंगलवार को राजपुर के झींगों में एक यात्री बस ओवरटेक के दौरान ट्रक से टकराकर पलट गई थी, जिसमें 11 लोग घायल हुए थे, और 2 को गंभीर हालत में रेफर किया गया था। लगातार हो रहे हादसों ने जिले की सड़कों की बदहाल स्थिति और यातायात व्यवस्था की कमियों को उजागर किया है। ओवरस्पीड, खस्ताहाल सड़कें, और चालकों की लापरवाही के चलते हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
प्रशासन की लापरवाही पर उबाल, आमजनों में आक्रोश
स्थानीय लोगों ने सड़कों की मरम्मत, खतरनाक मोड़ों पर सुरक्षा उपाय, और यातायात नियमों के सख्ती से पालन की मांग कर रहे हैं। कंठी घाट जैसे खतरनाक क्षेत्रों में पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। हादसों के बाद त्वरित राहत कार्य तो शुरू हो जाते हैं, लेकिन सड़क सुरक्षा और रखरखाव को लेकर उदासीनता गंभीर सवाल खड़े कर रही है।