मनरेगा के नाम व स्वरूप में बदलाव के विरोध में कांग्रेस का धरना, केंद्र सरकार पर रोजगार अधिकार कमजोर करने का आरोप
अम्बिकापुर।मनरेगा योजना तथा इसके नाम में प्रस्तावित बदलाव के विरोध में आखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर जिला कांग्रेस कमेटी सरगुजा द्वारा डाटा सेंटर के सामने धरना-प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि संसद में प्रस्तुत नया बिल मनरेगा जैसे रोजगार गारंटी कानून को अप्रासंगिक बनाने की दिशा में कदम है।धरना सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि विश्व बैंक ने मनरेगा को दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार प्रदाता योजना माना है। वर्ष 2008-09 की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान इस योजना ने देश को संकट से उबारने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने आरोप लगाया कि मनरेगा के नाम और स्वरूप में बदलाव गांधीवादी सोच पर हमला है तथा यह गरीब विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।20 सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने केंद्र सरकार के निर्णय पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ग्रामीण रोजगार के क्षेत्र में मनरेगा दुनिया की सबसे बड़ी योजना है, लेकिन यह शुरुआत से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खटकती रही है। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के जरिए रोजगार की गारंटी को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।पीसीसी महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा ने कहा कि महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी योजना के साथ छेड़छाड़ से देशभर में आक्रोश है। सरकार रोजगार की गारंटी को समाप्त करने की मंशा से काम कर रही है। वहीं पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ नाम नहीं बदल रही, बल्कि योजना से पल्ला झाड़ने की तैयारी कर रही है।धरना सभा को मो. इस्लाम, मुनेश्वर राजवाड़े, मदन जायसवाल, विकल झा, आशीष जायसवाल, प्रमोद चौधरी, शुभम जायसवाल, रजनीश सिंह, विष्णु सिंहदेव, प्रीति सिंह, परवेज आलम गांधी, सीपू सिंह सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन किसान कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष दुर्गेश गुप्ता ने किया।इस दरम्यान बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित रहे।