मेधावी आदिवासी बच्चों के सपनों को पंख: सैनिक स्कूल की पढ़ाई का खर्च उठाएगा सरगुजा जिला प्रशासन
अम्बिकापुर, 28 जून 2025। सरगुजा जिले के अनुसूचित जनजाति के मेधावी बच्चों के लिए एक सुनहरा अवसर आया है। अब आर्थिक तंगी उनके सैनिक स्कूल में पढ़ने के सपनों को रोक नहीं पाएगी। जिला प्रशासन ने एक अभूतपूर्व पहल करते हुए इन बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन करने का फैसला किया है। इस कदम से आदिवासी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की राह और आसान होगी।
कलेक्टर श्री विलास भोसकर ने बताया कि जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) के तहत सैनिक स्कूल में चयनित होने वाले सरगुजा के अनुसूचित जनजाति के मेधावी छात्र-छात्राओं का शिक्षण शुल्क जिला प्रशासन वहन करेगा। इस पहल का मकसद आदिवासी बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के अवसर प्रदान करना और उन्हें देश के प्रतिष्ठित सैनिक स्कूलों में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है।
यह पहल सरगुजा के आदिवासी समुदाय के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। सैनिक स्कूलों में प्रवेश पाने वाले बच्चों को न केवल बेहतर शिक्षा मिलेगी, बल्कि वे देश सेवा की दिशा में भी कदम बढ़ा सकेंगे। जिला प्रशासन का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता और समान अवसरों को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
सपनों को मिलेगी नई उड़ान
इस योजना से उन मेधावी बच्चों को लाभ मिलेगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद अपनी प्रतिभा के दम पर सैनिक स्कूल में प्रवेश पाने का सपना देखते हैं। यह कदम न केवल उनके शैक्षणिक भविष्य को संवारेगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में भी मदद करेगा। कुलमिलाकर सरगुजा जिला प्रशासन की इस पहल की स्थानीय समुदाय ने भी सराहना की है। यह योजना आदिवासी बच्चों के लिए नई उम्मीद की किरण बनकर उभरी है, जो उनके सपनों को हकीकत में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।