राहुल गांधी पर बिहार सरकार का दमन: अम्बिकापुर में नीतीश का पुतला दहन, कांग्रेस का तीखा हमला
दरभंगा विश्वविद्यालय में शिक्षा संवाद रोकने और FIR पर उबाला सरगुजा, कांग्रेस ने कहा- 'लोकतंत्र पर हमला, नीतीश-भाजपा बेनकाब
अम्बिकापुर, 17 मई 2025 । बिहार के दरभंगा विश्वविद्यालय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ बिहार की एनडीए सरकार द्वारा की गई दमनकारी और अलोकतांत्रिक कार्रवाई के खिलाफ सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी ने शनिवार को जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। शहर के घड़ी चौक पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार का पुतला दहन कर अपना आक्रोश जताया। प्रदर्शनकारियों ने बिहार सरकार की कार्रवाई को लोकतंत्र का गला घोंटने और दलित-पिछड़े छात्रों की आवाज दबाने की साजिश करार दिया।
दरभंगा में क्या हुआ: राहुल गांधी पर दमन का पूरा घटनाक्रम
जिला कांग्रेस कमेटी ने बताया कि राहुल गांधी, जो देश-विदेश में 'शिक्षा न्याय संवाद' जैसे अभिनव कार्यक्रमों के जरिए युवाओं और छात्रों के बीच शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय के मुद्दों को उठा रहे हैं, को बिहार सरकार ने निशाना बनाया। दरभंगा विश्वविद्यालय के दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों ने राहुल गांधी को शिक्षा संवाद कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया था। 15 मई को जब राहुल गांधी इस कार्यक्रम में शामिल होने दरभंगा पहुंचे, तो बिहार पुलिस और प्रशासन ने उन्हें हवाई अड्डे पर ही रोकने की कोशिश की। इसके बावजूद, राहुल गांधी ने हिम्मत नहीं हारी और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रवेश न देने पर 3 किलोमीटर पैदल चलकर छात्रों तक पहुंचे। वहां उन्होंने छात्रों से उनकी समस्याओं, शिक्षा में भेदभाव और रोजगार के अवसरों पर खुलकर संवाद किया।
हैरानी की बात यह रही कि बिहार सरकार ने इस लोकतांत्रिक प्रयास को कुचलने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ दो FIR दर्ज कीं। इस कार्रवाई पर तंज कसते हुए राहुल गांधी ने कहा, "मेरे खिलाफ अब तक 32 FIR दर्ज हो चुके हैं। ये FIR मेरे लिए मेडल की तरह हैं। मैं लोकतंत्र और युवाओं की आवाज के लिए लड़ता रहूंगा।" इस बयान ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया और बिहार सरकार के खिलाफ आंदोलन को और तेज करने का संकल्प लिया गया।
इलेक्टेड ऑटोक्रेसी' और तानाशाही का आरोप
घड़ी चौक पर पुतला दहन के बाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने बिहार सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "देश में 'इलेक्टेड ऑटोक्रेसी' यानी चुनी हुई तानाशाही चल रही है। नीतीश कुमार और भाजपा की डबल इंजन सरकार ने राहुल गांधी के खिलाफ जो अलोकतांत्रिक कार्रवाई की है, वह बिहार के युवाओं और दलित-पिछड़े वर्ग के छात्रों की आवाज को दबाने की साजिश है।" पाठक ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार की सरकार शिक्षा और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दों पर पूरी तरह विफल रही है, और राहुल गांधी का शिक्षा संवाद इन कमियों को उजागर करने वाला था, जिससे सरकार डर गई।
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी का शिक्षा संवाद न केवल छात्रों को जागरूक करने का प्रयास था, बल्कि यह बिहार में सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की लड़ाई को मजबूत करने का मंच था। नीतीश कुमार और भाजपा इसे रोककर अपनी तानाशाही मानसिकता का परिचय दे रहे हैं।"
कांग्रेस का आक्रामक रुख: बिहार सरकार को घेरने की रणनीति
प्रदर्शन में शामिल वरिष्ठ नेताओं ने बिहार की एनडीए सरकार को शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय के मोर्चे पर घेरने की रणनीति बनाई। नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी का दरभंगा दौरा बिहार में कांग्रेस को युवाओं और वंचित वर्गों के बीच मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम था। बिहार सरकार की दमनकारी कार्रवाई ने कांग्रेस को और आक्रामक बना दिया है। प्रदर्शनकारियों ने नीतीश कुमार और भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मांग की कि राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज FIR तत्काल वापस लिए जाएं। साथ ही, बिहार में लोकतांत्रिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाए।
वरिष्ठ नेता जे.पी. श्रीवास्तव ने कहा, "नीतीश कुमार की सरकार डर गई है, क्योंकि राहुल गांधी बिहार के युवाओं को उनके अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा दे रहे हैं। यह दमन बिहार में बदलाव की लहर को नहीं रोक पाएगा।" वहीं, कांग्रेस नेत्री सीमा सोनी ने कहा, "यह केवल राहुल गांधी पर हमला नहीं, बल्कि बिहार के दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों के भविष्य पर हमला है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
सैकड़ों कार्यकर्ताओं की एकजुटता, आंदोलन तेज करने का ऐलान
पुतला दहन कार्यक्रम में जे.पी. श्रीवास्तव, अजय अग्रवाल, द्वितेंद्र मिश्रा, सीमा सोनी, रामविनय सिंह, जगन्नाथ कुशवाहा, दुर्गेश गुप्ता, राशिद अहमद, संजीव मंदिलवार, विवेक सिंह, राजीव अग्रवाल, अतुल तिवारी, अनूप मेहता, अशफाक अली, जमील खान, नरेंद्र विश्वकर्मा, मदन जायसवाल, आलोक सिंह, विनोद एक्का, चंद्रप्रकाश सिंह, जीवन यादव, लोकेश कुमार, प्रमोद चौधरी, रजनीश सिंह, सोहन जायसवाल, शंकर प्रजापति, वीरेंद्र सिन्हा, लुकस एक्का, अमित सिंह, शिवप्रसाद अग्रहरि, तृप्ति राज धंजल, आतिश शुक्ला, दिनेश शर्मा, आशीष जायसवाल, शुभम जायसवाल, मिथुन सिंह, जे. कुजूर, गीता श्रीवास्तव, शकीला सिद्दीकी, अनिता सिंह, प्रीति सिंह, गीता रजक, रश्मि सोनी, शांति, चंचला सांडिल्य, मंजू सिंह, सपना सिन्हा, ममता सिंह, हमीदा, उर्मिला विश्वास, दिलीप धर, अमित तिवारी, मो. इमरान, विनोद भाष्कर, संजय सिंह, अंशु गुप्ता, तरणजीत सिंह, रोशन कन्नौजिया, विकास दुबे, परवेज आलम गांधी, राहुल सोनी, साहिल अली, शैफिन राजा, यश सहित सैकड़ों कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए। कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में बिहार सरकार की कार्रवाई की निंदा की और आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया। जिला कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी के शिक्षा संवाद जैसे कार्यक्रमों को रोकने की हर कोशिश नाकाम होगी। कांग्रेस युवाओं, दलितों और वंचित वर्गों के हक की लड़ाई को और मजबूती से लड़ेगी।