शिक्षक दिवस पर शिक्षिका की क्रूर सजा, मासूम छात्रा अस्पताल में भर्ती
अम्बिकापुर।शिक्षक दिवस के दिन सरगुजा जिले के सीतापुर विकासखंड में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। ग्राम प्रतापगढ़ के मुख्यमंत्री डीएवी स्कूल में कक्षा दूसरी की एक मासूम छात्रा को शिक्षिका द्वारा दी गई कठोर सजा ने उसे अस्पताल पहुंचा दिया। परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि शिक्षिका ने छात्रा को 100 बार उठक-बैठक कराई और छड़ी से पैरों पर प्रहार किया, जिसके बाद बच्ची के पैरों में असहनीय दर्द शुरू हो गया। घटना तब सामने आई जब ग्राम गुतुरमा की रहने वाली छात्रा टॉयलेट जाने के लिए निकली थी। आरोप है कि मोबाइल चला रही शिक्षिका ने उसे रोककर पहले छड़ी से दो बार मारा, फिर सजा के तौर पर 100 बार उठक-बैठक कराई। शिक्षिका ने बच्ची को “ज्यादा नाटक न करने” की हिदायत भी दी। हालत बिगड़ने पर परिजन उसे अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ यह घटना सार्वजनिक होने पर जनचर्चाओ में स्कूलों में बच्चों के प्रति दंडात्मक रवैये पर गंभीर बहस छेड़ रही है। समाज और प्रशासन से सवाल उठ रहे हैं कि क्या अनुशासन के नाम पर बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को खतरे में डाला जाना उचित है..?
पुलिस और स्कूल प्रबंधन पर सवाल
परिजनों ने सीतापुर थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने पीड़िता को थाने लाने की शर्त रखी। दूसरी ओर, स्कूल प्रबंधन ने घटना से इंकार करते हुए कुछ बच्चों को खड़ा कर मामले को दबाने की कोशिश की। शिक्षिका और अन्य स्टाफ ने भी आरोपों को झूठा बताया।
न्याय की गुहार, पुलिस अधीक्षक से मिलने की तैयारी
छात्रा के परिजन अब पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय की मांग करने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि मासूम बच्ची को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित किया गया और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। यह मामला न केवल शिक्षक-छात्र संबंधों पर सवाल उठाता है, बल्कि स्कूलों में अनुशासन के नाम पर बच्चों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार को भी उजागर करता है।