सूरजपुर में NHM कर्मी आरती यादव की आत्महत्या पर कैंडल मार्च, दोषियों पर कार्रवाई की मांग
सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने उठाई कठोर कार्रवाई की मांग....
सूरजपुर, 20 मई 2025। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले के जंगलपुर आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) के पद पर कार्यरत संविदा कर्मी आरती यादव की विभागीय उत्पीड़न के कारण आत्महत्या ने स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना के विरोध में सूरजपुर के अग्रसेन चौक में सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ और एनएचएम कर्मचारी संघ ने कैंडल मार्च निकालकर आरती को श्रद्धांजलि दी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
विभागीय उत्पीड़न बना मौत का कारण, कमेटी कर रही जांच
उक्ताशय पर जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि आरती यादव पिछले पांच वर्षों से जंगलपुर उप स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत थीं। बताया जाता है कि उनके पति की हाल ही में मृत्यु हो गई थी और उनकी एक साल की बच्ची है। इसके बावजूद, उन्हें पिछले माह का वेतन और तीन माह का कार्य आधारित प्रोत्साहन राशि नहीं मिली। स्थानांतरण के लिए कई बार विभाग के चक्कर लगाने के बाद भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई। न ही उन्हें विभागीय छुट्टी दी गई। लगातार कार्य दबाव और फोन के जरिए उत्पीड़न ने उन्हें इस कदर तोड़ दिया कि उन्होंने अपने घर में आत्महत्या कर ली। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की है। इस समिति में डिप्टी कलेक्टर रेणुका रात्रे, अविनाश कुमार ठाकुर (अनुविभागीय अधिकारी), बिलकिस खान (उप निरीक्षक, थाना खैरागढ़), और विवेक बिसेन (बीएमओ, खैरागढ़) शामिल हैं। समिति को एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
संविदा कर्मियों की अनसुनी मांगें
सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के अनुसार, पिछले 20 वर्षों से संविदा कर्मियों के स्थायीकरण और नियमितीकरण की मांग लंबित है। पूर्व सरकार के समय 31 दिनों तक आंदोलन और जल सत्याग्रह के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला। वर्तमान सरकार ने 100 दिनों में इस मुद्दे के निराकरण का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कमेटी की रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं है। महासंघ ने बताया कि विभिन्न मामलों में अब तक 26 संविदा कर्मी अपनी जान गंवा चुके हैं।
कर्मचारियों ने की अपील
महासंघ ने एक अपील पत्र जारी कर संविदा कर्मियों से कहा है कि यदि कार्यस्थल पर भ्रष्टाचार, लैंगिक उत्पीड़न या अन्य किसी प्रकार का शोषण होता है, तो वे तुरंत संगठन को सूचित करें। NHM कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष बृजलाल पटेल के नेतृत्व में आयोजित कैंडल मार्च में तोपन सिंह दायमा, लव सिंह मरावी, विवेक सदन नाविक, गिरजा मानिकपुरी, जया स्वाइन, भावना सूर्यवंशी, सुजाता कुशवाहा, अंकिता जायसवाल, सरस्वती यादव, महेंद्र वर्मा, अनुराग रवि, संगीता, चांदनी, जनेश्वर सहित कई NHM कर्मचारी शामिल हुए।
"न्याय की मांग, शोषण बंद हो"
कैंडल मार्च के दौरान कर्मचारियों ने एक स्वर में मांग की कि आरती यादव की मौत के जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो और संविदा कर्मियों के शोषण को रोका जाए। यह घटना न केवल स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि संविदा कर्मियों के अधिकारों और उनकी मानसिक स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत को भी रेखांकित करती है।