प्रतापपुर में शाला प्रवेशोत्सव में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा, मंच के नीचे बैठकर जताया गुस्सा
सूरजपुर, 11 जुलाई 2025। प्रतापपुर नगर पंचायत के मंगल भवन में आयोजित खंड स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम उस समय विवादों के घेरे में आ गया, जब जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणि देवपाल पैकरा और जिला पंचायत सदस्य लवकेश पैकरा ने मंच पर स्थान न मिलने और आमंत्रण पत्र में नाम न होने पर तीखी नाराजगी जाहिर की। दोनों जनप्रतिनिधियों ने प्रोटोकॉल उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मंच पर बैठने के बजाय नीचे बैठकर अधिकारियों के मनमाने रवैये का विरोध किया।
कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य लवकेश पैकरा का नाम आमंत्रण पत्र से गायब था, जिसे लेकर दोनों नेताओं ने आयोजकों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। मंच से बोलते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "जनप्रतिनिधियों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारी अगर गुटबाजी करते हैं या प्रोटोकॉल की अनदेखी करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह कोई राजनीतिक मंच नहीं, जहां अफसर अपनी मर्जी चलाएं।"
विरोध बढ़ता देख ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और अन्य अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मान-मनौव्वल की कोशिश की, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि वे प्रोटोकॉल का पालन और जनप्रतिनिधियों का सम्मान सुनिश्चित करें। बहरहाल इस घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारियों पर नजरें टिकी हैं कि वे भविष्य में प्रोटोकॉल का पालन कैसे सुनिश्चित करते हैं। साथ ही, यह मामला स्थानीय राजनीति में भी नया मोड़ ला सकता है, क्योंकि जनप्रतिनिधियों ने साफ कर दिया है कि वे इस तरह की उपेक्षा को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पहले भी हो चुकी है ऐसी अनदेखी
यह कोई पहला मामला नहीं है, जब प्रतापपुर में जनप्रतिनिधियों के साथ इस तरह का व्यवहार हुआ हो। इससे पहले चंदौरा में एक सड़क भूमि पूजन कार्यक्रम में भी जिला पंचायत सदस्य को न तो आमंत्रित किया गया था, न ही उनका नाम बैनर या आमंत्रण पत्र में शामिल किया गया था। इन घटनाओं ने क्षेत्र में अधिकारियों की कार्यशैली और प्रोटोकॉल के प्रति उनकी उदासीनता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
राजनीतिक गुटबाजी का आरोप
प्रतापपुर क्षेत्र पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा का गढ़ रहा है, और जिला पंचायत सदस्य लवकेश पैकरा उनके पुत्र हैं। क्षेत्र में चर्चा है कि प्रतापपुर विधानसभा में भाजपा के सत्ता और संगठन में दो गुट सक्रिय हैं, जिनमें से एक खास खेमा अन्य जनप्रतिनिधियों को जानबूझकर कार्यक्रमों से दूर रख रहा है। इस घटना ने इन अटकलों को और हवा दी है।
लोकतंत्र का अपमान
यह घटनाक्रम न केवल जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा को दर्शाता है, बल्कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था की अवहेलना भी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारियों का यह रवैया या तो दबाव का नतीजा है या फिर उन्हें शासन के प्रोटोकॉल की जानकारी ही नहीं है। इस मामले ने क्षेत्र में प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं, और जनप्रतिनिधियों ने भविष्य में ऐसी घटनाओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की बात कही है।
 
 Vicky tiwari
                                    Vicky tiwari                                 
                         
                         
         
         
         
         
         
         
         
        
             
        
             
        
             
        
             
        
             
        
             
        
 
        
 
        
 
        
 
        
 
        
                                        
                                     
        
