"बीहड़ों में उम्मीद की दस्तक: सामाजिक सरोकार के साथ मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े की ऐतिहासिक पदयात्रा, 78 वर्षों में पहली बार पहुंचा कोई जनप्रतिनिधि"

"बीहड़ों में उम्मीद की दस्तक: सामाजिक सरोकार के साथ मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े की ऐतिहासिक पदयात्रा, 78 वर्षों में पहली बार पहुंचा कोई जनप्रतिनिधि"
"बीहड़ों में उम्मीद की दस्तक: सामाजिक सरोकार के साथ मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े की ऐतिहासिक पदयात्रा, 78 वर्षों में पहली बार पहुंचा कोई जनप्रतिनिधि"

ओड़गी 20 अप्रैल 2025।"जब रास्ता नहीं होता, तो इरादे रास्ता बनाते हैं" — इसी सोच को साकार करते हुए छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री व भटगांव क्षेत्र की विधायिका लक्ष्मी राजवाड़े ने शनिवार को ओड़गी विकासखंड के सुदूर अंचल बनगांवा में ऐतिहासिक दौरा किया। यह गांव आज़ादी के 78 वर्षों में पहली बार किसी मंत्री या विधायक की उपस्थिति का साक्षी बना।बीहड़ों, पहाड़ियों और गहरे नालों से गुजरती 3 किलोमीटर लंबी पदयात्रा के माध्यम से मंत्री ने ना सिर्फ गांव तक अपनी पहुंच बनाई, बल्कि सामाजिक सरोकार की वह मिसाल भी पेश की, जिसकी ग्रामीण वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे। यह दौरा केवल एक जनप्रतिनिधि की यात्रा नहीं थी, बल्कि शासन और समाज के बीच विश्वास की एक पुनर्स्थापना थी। बहरहाल भटगांव विधानसभा क्षेत्र के इन उपेक्षित और दुर्गम गांवों में मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े की यह पहल केवल विकास की शुरुआत नहीं, बल्कि विश्वास और भागीदारी की नई इबारत है। यह दौरा साबित करता है कि जब नेतृत्व सामाजिक सरोकार से जुड़ता है, तो दूरियां मिटती हैं, समस्याएं सुलझती हैं और गांवों में विकास की गूंज सुनाई देती है।

सामाजिक सरोकार और मानवीय संवाद:

बनगांवा जैसे सुदूर गांवों की सबसे बड़ी समस्या यही रही है कि यहां की आवाज़ कभी ऊपर तक नहीं पहुंच पाई। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने इस चुप्पी को तोड़ा। उन्होंने बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं से सीधा संवाद किया, उनकी मूलभूत समस्याओं को गंभीरता से सुना और तत्काल अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए।उन्होंने विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा की स्थिति, स्वच्छता, पीने के पानी की व्यवस्था, आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों, और पोषण कार्यक्रमों पर गहन ध्यान देने को कहा। रेडी टू ईट खाद्यान्न की अनियमितता को लेकर भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि कोई भी बच्चा या महिला पोषण से वंचित न रहे।

"गांव चलो, बस्ती चलो" अभियान – समाधान की पहल:

मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का यह दौरा उनके "गांव चलो, बस्ती चलो – जनसमस्या निवारण कार्यक्रम" के अंतर्गत था। इस अभियान के माध्यम से वे दूरस्थ गांवों तक पहुंचकर लोगों से सीधा संवाद कर रही हैं। इस कड़ी में बनगांवा के अलावा बांक, पालकेवरा, छतरंग, घुईडीह, बड़वार जैसे गाँवों का भी दौरा किया गया।

उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार ग्रामीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, और प्रत्येक समस्या को जमीन पर हल करना इस सरकार की कार्यशैली का हिस्सा है।

स्थानीय सहभागिता और प्रशासनिक सक्रियता:

इस ऐतिहासिक दौरे में ओड़गी जनपद उपाध्यक्ष प्रतिनिधि राजेश तिवारी, जनपद सदस्य गौरी सिंह, महामंत्री प्रवीण गुर्जर, उपाध्यक्ष संतोष सिंह, नंदकुमारी राजवाड़े, बृजेश काशी सहित कई जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे। ग्रामीणों ने भी खुले मन से अपनी बातें साझा कीं और मंत्री के इस प्रयास को “पहली बार कोई सच्चा साथी आया है” जैसे शब्दों में सराहा।

राजनीति से परे एक मानवीय पहल:

मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का यह दौरा महज एक राजनीतिक यात्रा नहीं थी, बल्कि इससे कहीं बढ़कर एक सामाजिक और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बना। उन्होंने दिखा दिया कि सच्चा जनप्रतिनिधि वही होता है जो लोगों के बीच रहकर उनकी तकलीफों को महसूस करता है और समाधान का मार्ग खोजता है।