रजत जयंती पर घरों की बहार 10,001 परिवारों ने PM आवास के नए आशियानों में किया गृहप्रवेश
अम्बिकापुर । छत्तीसगढ़ की मिट्टी में 25 साल की चमक बिखेरते हुए रजत जयंती ने न सिर्फ राज्योत्सव का रंग भरा, बल्कि 3.51 लाख परिवारों के चेहरों पर मुस्कान की लकीरें खींच दीं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत नवा रायपुर के अटल नगर में आयोजित मुख्य समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक झटके में उन्होंने पूरे प्रदेश के हितग्राहियों को 'घर की चाबी' सौंप दी। सरगुजा जिले में तो खुशी का सैलाब उमड़ पड़ा—यहां के 10,001 ग्रामीण परिवारों ने अपने सपनों के महल में कदम रखा ।जिले के कोने-कोने से आई ये खुशखबरी अम्बिकापुर (2126), बतौली (1082), लखनपुर (2219), लुण्ड्रा (1174), मैनपाट (993), सीतापुर (1165) और उदयपुर (1242) के गांवों से गूंज रही है। कलेक्टर विलास भोसकर के नेतृत्व में जिला पंचायत सीईओ विनय अग्रवाल ने जनपद लुण्ड्रा के कोरिमा गांव में हितग्राही गोविंदा कोरवा का और पटोरा में संकुती बाई का गृहप्रवेश ने सबको प्रेरित किया। पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ दीप जलाए, रंगोली सजाईं, और ढोल-नगा बजते ही घरों में हंसी-खुशी का राज़ खुल गया। अधिकारियों ने हितग्राहियों को आभार पत्र के साथ 'खुशियों की चाबी' भेंट कर भावुक पल गढ़े।इस दरम्यान हितग्राहियों ने आंखों में चमक लिए कहा, "पीएम आवास योजना ने हमें कच्चे झोपड़ियों से आजाद कर आत्मनिर्भरता का पंख दिया। अब बरसात का डर नहीं, सिर्फ खुशहाली का सहारा है" सरगुजा के इन गांवों में जहां कभी मिट्टी की दीवारें सपनों को रोकती थीं, वहां आज पक्के घरों की चमक राज्य की प्रगति की कहानी सुना रही है।यह सामूहिक गृह प्रवेश न सिर्फ योजना की सफलता का प्रमाण है, बल्कि छत्तीसगढ़ के 25 गौरवपूर्ण वर्षों का प्रतीक भी। पीएम मोदी का यह वर्चुअल उपहार राज्यवासियों को नई ऊर्जा दे गया—क्योंकि घर तो बस शुरुआत है, असल मकसद है आत्मसम्मान से भरी जिंदगी ।